पोन्नोर इंटरप्राइजेज और सनी स्टार ग्रुप का एक ऐतिहासिक उत्पाद, पीवीसी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भारत में बारिश के पानी के संरक्षण की तकनीक को कारगर करने और इस नेक काम को पूर्णतः नए पटल पर ले जाने की दिशा में सबसे आगे रहा है। प्लास्टिक उद्योग में बीस से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ पीवीसी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपनी विशेष रूप से डिजाइन की गई परनालियों के माध्यम से वर्षा जल के संरक्षण और वितरण के लिए एक उचित समाधान प्रदान करता है।
पीवीसी आरएच प्रणाली अत्यधिक कुशल यूरोपियन डिज़ाइनर्स द्वारा डिज़ाइन की गई नालीदार संरचना से लेस है। इस संरचना में 220 मिमी (8 इंच) की चौड़ाई है। इसमें 2 इंच अतिरिक्त स्थान है ताकि भारी वर्षा के दौरान कोई अतिप्रवाह नहीं होगा। यह संरचना के आकार को बरकरार रखने में भी मदद करता है। परनाली के किनारे दी गई बीडिंग मजबूती और स्थायित्व को सुनिश्चित करती है। क्यूंकि गटर का प्रवाह मार्ग 110 मिमी का है, गिरने वाली पत्तियों से जाम लगने की संभावना लगभग शून्य है। परनाली और फिटिंग उच्चतम गुणवत्ता वाली यूपीवीसी सामग्री से बने होते हैं, जो कई श्रेणियों में उपलब्ध है। परनालियों और उनके साथ वाली सामग्री को चिपकाए जाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले क्लैंप यूपीवीसी से बने होते हैं और स्टील बार में चिपके हुए होते हैं । इस वजह से ये लम्बे समय तक चलते हैं। रिसाव से बचने के लिए, फिटिंग को परनाली से जोड़ने के लिए सिलिकॉन का उपयोग किया जा सकता है।
पीवीसी आरएच संरचना के बिल्कुल विपरीत, उसी तरह की डिजाइन वाले अधिकांश उत्पाद गुणवत्ता की दृष्टि से निम्न स्तरीय हैं। वे ज्यादातर पाइप की कटिंग से बनाये जाते हैं जिसके कारण दो सिरे समान माप वाले होते हैं। इसके परिणामस्वरूप एक टेक्स गाइट की बौछार के दौरान अतिप्रवाह हो सकता है। उनमें से अधिकांश में किसी भी बीडिंग का उपयोग नहीं किया गया है। प्रवाह मार्ग (आउटलेट) बहुत छोटी चौड़ाई का रखा जाता है जो तेज़ बारिश की स्थिति में पत्तियों के गिरने के चलते रुकावट पैदा कर जाम लगा सकता है। फिटिंग के लिए उच्च ग्रेड प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाता है और वे आसानी से जंग खा सकती हैं क्योंकि वो लोहे से बनी होती हैं। इसके अलावा, उपयुक्त आकार की फिटिंग की उपलब्धता की कमी के कारण, बेतरतीब फिटिंग को कैसा जाता है । जब स्क्रू में जंग लग जाती है तो पूरा सिस्टम टूट जाता है। वे कुछ अन्य एशियाई बाजारों से प्राप्त उत्पादों का उपयोग करते हैं जिनमें भारत में मौसम की स्थिति में बदलाव करने की अंतर्निहित क्षमता नहीं है। कोई वारंटी नहीं दी जाती है। रंग आसानी से फीका पड़ जाता है।
एक्वा स्टार नालीदार परनालियों को बाजार में उपलब्ध समान उत्पादों में पाए गए किसी भी या सभी अनियमितताओं का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने और उन पर काबू पाने के बाद डिज़ाइन और निर्मित किया गया है।
धीरे धीरे साफ़ और पीने के निर्मल पानी का अभाव होने लगा है। हालाँकि अभी यह कहना बहुत जल्दी होगा कि यह तेजी से घटता प्राकृतिक स्रोत है पर पानी की कमी से मानव जीवन के चिंताजनक स्थिति में आने से से पहले ही जल संरक्षण के वैकल्पिक तरीकों का सहारा लेना सुरक्षित होगा। वर्षा जल संचयन कई तरह से अनेक समस्याओं का निवारण कर सकता है, जैसे जल की अपर्याप्तता, सामूहिक जल स्त्रोतों में घटते जल स्तर और भूजल की गुणवत्ता। साथ ही यह कृषि उत्पादन को बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है।
सबसे बुनियादी स्तर पर, वर्षा जल संचयन में तीन चरण शामिल हैं:
धरती माता के काबिल और ज़िम्मेदार निवासी और कर्तव्यपरायण नागरिकों के रूप में हमारी, सिर्फ हमारे लिए ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी अपने संसाधनों के संरक्षण और संचयन की नैतिक जिम्मेदारी है। वर्षा जल संरक्षण और संचयन को हमारे और समाज के लिए किये गए महान निवेश का एक हिस्सा माना जा सकता है। प्रेरित करें ! समृद्ध हों !